मैं तेरा प्यार हूँ ,और
प्यार के सिवा कुछ भी नहीं
तेरा ऐतबार हूँ
ऐतबार के सिवा कुछ भी नहीं
शुरूर बनके साँसों में
तेरे बहता हूँ मैं
खुमार बनके आँखों में
तेरे रहता हूँ मैं
तेरा यकीं हूँ जो
तुझको जिलाये रखता है
तेरा शबाब हूँ जो
तुझको खिलाये रखता है
एक लहर हूँ मैं
मेरा सागर है तू
तेरे बाहों में झूमता
मचलता हूँ मैं
एक मुसाफिर हूँ मैं
मेरा मंज़िल है तू
तेरे राहों में रुकता
और चलता हूँ मैं
एक मुंतशिर सा
किताब हूँ मैं
मुझे पढता सिर्फ तू ही है
एक अधूरी सी
कहानी हूँ मैं
मुझे समझता सिर्फ तू ही है
मैं एक तस्वीर हूँ जिसमे
तू रंग बनके उभरता है
मैं एक सहरा हूँ जिसमे
तू अब्र बनके बरसता है
मैं तेरा अक्स हूँ तुझसे
जुदा मेरी क्या जिंदगी
तू दिल है मेरा,
तेरा धड़कन हूँ मैं
एक दूजे के लिए,
हम है लाज़मी
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