सहरा ए जिंदगी में
एक दरिया ढूंढते है
दिलकश से चेहरों में
एक आइना ढूंढते है
रहबर-ए-कामिल की
चाहत नहीं मुझको
शरीक-ए-सफ़र एक
हमनवा ढूंढते है
कश्ती ए जिंदगी को
साहिल मिले न मिले
तूफानों में हौसला दे
वो ना-ख़ुदा ढूंढते है
जा-ब-जा ढूंढते है
कोई मकां तो कोई इंसां में तुझे
कोई मकां तो कोई इंसां में तुझे
या ख़ुदा ढूंढते है
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सहरा - रेगिस्तानरहबर-ए-कामिल -सही रास्ते पर ले जाने वाला,
शरीक-ए-सफ़र - हमसफ़र, हमराही,
हमनवा - हम ख़याल ,सहमत,मित्र
ना-ख़ुदा -मल्लाह, नाविक,
जा-ब-जा - हर जगह, हर स्थान और हर अवसर पर
दर-ब-दर,- एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे
या ख़ुदा - या अल्लाह, हे भगवान
शरीक-ए-सफ़र - हमसफ़र, हमराही,
हमनवा - हम ख़याल ,सहमत,मित्र
ना-ख़ुदा -मल्लाह, नाविक,
जा-ब-जा - हर जगह, हर स्थान और हर अवसर पर
दर-ब-दर,- एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे
या ख़ुदा - या अल्लाह, हे भगवान
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