राह ए मोहब्बत में किसी को यार की वेबफ़ाई न देना

 

इश्क़ देना ग़र नसीबों में ख़ुदा
दिल को फिर ग़म ए तन्हाई न देना 

हिज़्र के लम्हात देना बेशक
दिल को ग़म ए रुस्वाई न देना 

प्यार का मिलना या जुदा होना 
राह ए हयात में लाज़िम है मगर  

राह ए मोहब्बत में किसी को 
यार की वेबफ़ाई न देना 

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