चाँद तारों पर बसने की तमन्ना मत करों बशर



चाँद तारों पर बसने की 
तमन्ना मत करों बशर 

उन्हें तो रहने दो तुम 
खुद से बे असर 

रहने दो उन्हें महफूज़ तुम
तुम्हारे जंग और जंगी सामानो से
तुम्हारे टैंक और लड़ाकू विमानों से

रहने दो उन्हें क़ुदरत जैसी
तुम्हारे बिनाश के कहर से दूर

तुम्हारे कदम वहां पड़ते ही
तुम्हारे नफरतों के जद में
वे भी बेबजह आ जायेंगे

फिर वहां भी तुम पत्थरों
और पहाड़ों के लिए यूँ ही
लड़ते रहोगे जैसे की तुम
इस गोले पर लड़ रहे हों  

तुम वहां भी कई नए
छोटे बड़े शहर बनाओगे
अपनी बढ़ती आबादी को फिर
तुम वहां पहले बसाओगे

फिर उन्ही शहरों को
अपने नफ़रत और जंग से
तुम एक दिन मिटाओगे

तुमने इस धरती को तो
अपनी ज़ागीर समझ ली
जैसे ख़ुदा ने ये धरती तुम्हे
फ़क़त तुम्हारे नाम लिख दी हो

तुम जहाँ भी जाओगे
नफ़रत और जंग
साथ लेकर ही जाओगे

गुज़ारिश है तुमसे, बशर
इस गोले को तो तुम
अपने कहर से बर्बाद
कर रहे हो

और गोलों को तो रहने दो
क़ुदरत जैसी,
तुम्हारे बिनाश के
 कहर से दूर 
महफूज़ तुम्हारे जंग
और जंगी सामानो से

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