हाल ए दिल मुझको छुपाना आ गया

हाल ए दिल मुझको छुपाना आ गया 
बे-दिली में मुस्कुराना आ गया 

पत्थरों में हम भी पत्थर हो गए
पत्थरों से चोट खाना आ गया 

शायरी से दूर का  नाता न था 
दर्द में कुछ गुनगुनाना आ गया 

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