ग़र तोड़कर ही जाना है दिल
तो बेशक़ तुम चले जाओ
अपने ख्यालों के शीशे में
हम तेरा दीदार कर लेंगे
हसीं यादों के लम्हों में जाकर
तुझको अपने पहलु में भरकर
हम तुझे प्यार कर लेंगे
हुस्न-ओ-जमाल का अभी
आराइश है तुझपर
तुझपर चाहतों की अभी बारिश है
तेरे हुस्न पे ज़वाल आने तक
हम मोहब्बत का इंतज़ार कर लेंगे
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