मैं जानता हूँ कि मेरे जिस्म में



मैं जानता हूँ कि मेरे
जिस्म में क़तरा - क़तरा
कुछ दिनों में यूँ भी
तुम फ़ना हो जाओगे

रग़ों में दौड़कर मगर
किसी अनजान के तुम
किसी जिंदगी के लिए
मेरी दुआ हो जाओगे

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