किसी के इश्क़ ने मुझको बचाये रखा है



किसी के इश्क़ ने मुझको
बचाये रखा है
मगर ज़माने भर से रिश्ता
छुड़ाए रखा है

तमाम 'ऐब भी उसके
हुनर से दीखते है
सबने आँखों पे कोई चश्मा
लगाए रखा है

लाज़िम है उसका एक दिन
टूटकर बिखर जाना
हर वख़त अपने दिल को आइना
बनाये रखा है


अँधेरे उसके दर से
मायुश लौट जाते है
घर के एक कोने में कहीं
उसने शमा जलाये रखा है

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