रफ़ाक़त रखते है शज़र से फ़क़त वो सहर होने तक

रफ़ाक़त रखते है शज़र से 
फ़क़त वो सहर होने तक 
दग़ाबाज़ी बशर  जिनके 
ग़ुर्बत में होती है 

चाहे  कितनी  ही मोहब्बत  
दिल  की  क्यू  न  दे  दे शज़र    
बेबफाई  इश्क़  के  परिंदो  की  
आदत  में होती है 

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