ज़माने भर के रस्मों से
बगावत कर लिया मैंने
किसी की शोख़ नज़रो से
मोहब्बत कर लिया मैंने
सदा -ए -दिल जिन्हे तहरीर
कर दी बातों - बातों में
तस्कीन -ए -दिल भी जिसने
चुरा ली है मेरी सर्द रातों में
दिल-ए-हसरत के खातिर
निगाह -ए -उल्फत का
हसरत कर लिया मैंने
किसी की शोख़ नज़रो से
मोहब्बत कर लिया मैंने
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सदा -ए -दिल -दिल की आवाज
तहरीर : लिखी हुई बात
तस्कीन -ए -दिल - दिल का चैन व आराम
दिल-ए-हसरत -अभिलाषी ह्रदय
निगाह -ए -उल्फत - प्यार और मोहब्बत की निगाह
हसरत - वह इच्छा जो पूरी न हो,
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