रास्ते ही रहनुमा होते है


रास्ते ही रहनुमा होते है
तन्हा मुसाफ़िर के
एक मील का पत्थर भी
काफ़ी है रहबरी के लिए

महफ़िल ओ सामे'ईन
ही नाक़ाफी है बशर'
सुख़नवरी के लिए

लहू जिगर का भी ज़रा
चाहिए दर्द ए दिल की 
मुसव्वरी के लिए

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