दर्द ओ ग़म के सफ़र से मैं गुजरता चला गया

 

दर्द ओ ग़म के सफ़र से मैं
गुजरता चला गया
वो शख़्स दिल से रफ़्ता रफ़्ता
उतरता चला गया

ख़्वाबों का महल नज़रों के आगे
बिखरता चला गया
यादों के सैलाब मकां ए दिल में
भरता चला गया

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