बे-दर-ओ-दिवार मकां है इस दिल का



बे-दर-ओ-दिवार मकां है इस दिल का
कोई भी कभी भी आता-जाता रहता है

सुकुन ए दिल तो पहले ही चोरी हो गई
अब तो मेरी नींदे भी उडाता रहता है

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