चराग़ तो अनजान है रौशनी से





चराग़ तो अनजान है रौशनी से
उसने तो सिर्फ जलना सीखा है

रास्ते मंज़िल तक खुद ब खुद ले जायँगे
मुसाफ़िर ने तो सिर्फ चलना सीखा है



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