अम्न हो नहीं सकती जहाँ में बर-सर-ए-जंग की ख़ताओं से














 बू आ रही है बारूद की 
मग़रिब से आती हवाओं से 

मौत बरस रहा है कहीं 
आसमाँ के हसीं फिज़ाओ से

अम्न हो नहीं सकती जहाँ में 
बर-सर-ए-जंग की ख़ताओं से

बर्बादी के कग़ार पर आ गई है  
ये दुनिया इन एटमी बलाओं से

ये जंगल यूँ बच नहीं सकता 
फ़क़त परिंदों के सभाओ से 

                                                                       

मग़रिब -  पश्चिम दिशा, यूरोप और वो देश जो पश्चिम में स्थित है 

बर-सर-ए-जंग  :लड़ने-मरने पर तैयार,

एटमी बलाओं - आणविक हथियार  

फ़क़त - सिर्फ 

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