बारिश की बुँदे बनके बरस जाओ न
















बारिश की बुँदे बनके
मेरे आँगन में
बरस जाओ न
 
कहीं ये नातार्श हवाएं
दूर न कर दे मुझसे तुम्हे
 
किस्मत की लकीरों से
माँगा है मैंने तुम्हे
 
हाथों की लकीरों में
बस जाओ न

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