दोस्त बनकर न किसी से मिला करे कोई



दोस्त बनकर न किसी से मिला करे कोई
ग़र दगा करना हो ,यूँ ही दगा करे कोई


मेरा क़ातिल ही है चारागर मेरा
मेरा हमदम है वो दिलबर मेरा
जिंदगी की मेरी न अब दुआ करे कोई


गुंचे और गुल ग़र बिखर जायेंगे
कैसे गुलशन को फिर बचाएंगे
गुलों से कह दो चमन में न खिला करे कोई


जलते रहते है चराग़े शहीदों के राहों में
भरके ऐहतराम अपने दिल में और निगाहों में
हवा से कह दो न उनपर बहा करे कोई


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