मसअला ये नहीं कि हादसा कर के वो फरार होता है कि गिरफ़्तार होता है


मसअला ये नहीं कि
हादसा कर के वो 
फरार होता है 
कि गिरफ़्तार होता है

मसअला ये भी नहीं कि
क्यू सालों लग जाते है 
फ़क़त साबित करने में हीं 
जब कोई गुनहगार होता है

मसअला तो ये है कि

कहीं ओवरलोडिंग से
तो कहीं ओवरटेकिंग से
कहीं ड्रिंक एंड ड्राइव से
तो कहीं केयरलेस ड्राइविंग से

हर पल ही ये देश
कहीं न कहीं बेबजह
 इन सड़क हादसों का
न चाहते हुए भी शिकार होता है

और हालात आज बस
इतनी सी है कि
इस देश में हर शय से सस्ती
एक आम इंसान की जान है

फिर चाहे सच्चे -झूठे मन से
कितना भी हम गाते रहे
कि हमारा देश महान है



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Anything to comment regarding the article or suggestion for its improvement , please write to me.