जब तलक जां है जिस्म में



जब तलक जां है जिस्म में
ग़ुनाह  साथ रह सकता है
 
किसी बेज़ान पैकर में
कोई फ़रेब कहाँ रहता है

वो सफ़ेद कपड़ा उस बेजाँ
पैकर का कोई लिबास नहीं

बनी- बनाई किसी कफ़न में
कोई जेब कहाँ रहता है

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