त्योहारों के अवसर पर
दोस्तों -रिश्तेदारों से मिली
ढेरों इलेक्ट्रॉनिक मिठाइयों पर
आज अचानक जब नज़र पड़ी
देखा वे अब भी ज्यों की त्यों
ताज़ातरीन सी ग्लो कर रही है
पहले सोचा फिर परखा फिर बड़ी
देर के बाद चली मेरे दिमाग की घडी
फिर जाना की इन्ही इलेक्ट्रॉनिक
मिठाइयों के कारण ही तो पिछले
एक साल से मेरा मोबाइल डाटा
नेटवर्क इतना स्लो चल रही है
जाने दुनिया के किन शहरों किन दुकानों से
हर साल बन कर बरस जाती है आसमानो से
वैसे तो न खुद खाते बनती है
न किसी को खिलाते बनती है
पर जाने क्यू सभ्यता के इस दौर में भी
अनपढ़ से लेकर पढ़े लिखों तक में भी
सभी को इलेक्ट्रॉनिक मिठाईयां
खाने ख़िलाने की ही चाहत रहती है
कवि का निवेदन है उन आसमानी दुकानों से
इस साल जब भी कोई त्यौहार आये
कृपया देशहित में ये इलेक्ट्रॉनिक
मिठाईयां न बनाये न बरसाए
हम सब लोग आसमानो से नहीं
आस पास के दुकानों से ही
नकली इलेक्ट्रॉनिक मिठाईयां नहीं
कम ज्यादा पर असली मिठाईयां लाये
खुद भी खाये औरों को भी खिलाये
खुद भी खाये औरों को भी खिलाये
और इन इलक्ट्रोनिक नकली मिठाइयों से
अपने मोबाइल का ही नहीं पुरे देश का भी
इलेक्ट्रॉनिक डाटा नेटवर्क बचाये
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