शज़र हो तुम मैं एक शाख़ हूँ जिसका

 


शज़र हो तुम मैं एक
शाख़ हूँ जिसका
तुझसे जुदा होकर
तो जिन्दा भी
नहीं रह पाउँगा                                     
तेरे दिल के आसमां पे
सितारा बनके चमकता हूँ
तुझसे अलग हुआ तो टूटकर
ही बिखर जाऊंगा

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