दहलीज़ से वापस चली गई
मेरे साथ तुम्हारी यादें थी
देर तक बाते करता रहा
फिर दर्द को आता देख
यादें उठकर कही चली गई
दर्द मुझे देर तक
सताता रहा, रुलाता रहा
मेरे पास बैठकर
हँसता रहा, मुस्कुराता रहा
जब दिल भर गया उसका
मुझे तड़पता छोड़ वो भी
कहीं चला गया
नींद सुबह की पहली किरण
के साथ मेरे पास आई
और मुझे अपने आगोश
में लेकर सो गई
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