अपनी गुस्ताख़ियों की सरहदें मैं जानता हूँ

 



अपनी गुस्ताख़ियों की
सरहदें मैं जानता हूँ

दरिया हूँ, लहरें तो आएँगी ही
पर अपनी हदें पहचानता हूँ

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