राह-ए-हयात में उसके मिलने की आस बाकी है अभी

 


ग़म के तपिश से मेरे ख्वाबों 
का बाग़ जल न जाये कहीं

कोई तो अब्र बरसे कि
दिल की प्यास बाकी है अभी

फ़ासला होकर भी जिन्दा है 
ए'तिमाद-ए-मोहब्बत मेरा  

राह-ए-हयात में उसके 
मिलने की आस बाकी है अभी 


अब्र -बादल,
ए'तिमाद-ए-मोहब्बत - प्रेम का विश्वास
राह-ए-हयात - जिंदगी के राह में 

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