गरीबी नसीबों में ग़र लिखना ख़ुदा

 



लिखना मुकद्दर में ग़र काली रात
तो बयाज़-ए-सहर भी लिख देना

गरीबी नसीबों में ग़र लिखना ख़ुदा
तो हाथों में हुनर भी लिख देना



बयाज़-ए-सहर  - सुबह का उजाला, प्रातःकाल की रौशनी


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