तुम्ही मेरी शम्मा' हो
और हम तेरे परवाने है
मान लो न
तुम्ही से मेरे गीत ग़ज़ल है
तुम्ही से दिल के तराने है
मान लो न
ये दुनिया,
अरे ये दुनिया कहाँ अपना है
ये हकीकत नहीं बस एक सपना है
और हम दोनों,
हम दोनों एक दूजे के दीवाने है
बाकी महफ़िल में तो सब बेगाने है
मान लो न
तेरी बाते,
अरे तेरी बाते मिश्री की डली
और आँखे तेरी दो कमल खिली
तू सावन की भीनी बारिश
तू दिल में जगाती है ख़्वाहिश
तुझसे ही तो मेरे ख़्वाब सुहाने है
बाकी ये बारिश और मौसम
अरे ये सारे तो बहाने है
मान लो न
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