सफ़र में लोग मिले कई, कोई रहनुमा न मिला

 


सफ़र में लोग मिले कई, कोई रहनुमा न मिला
ख़ुदा तेरी बनाई दुनिया में कोई ना-ख़ुदा न मिला

रास्ते कई मिले जिन्हे  ख़ुद  मंज़िलो की तलाश थी
मंज़िल जिसके तलाश में हो वो रास्ता न मिला

नशे में लोग मिले कई जो मय-खानो से निकले थे
होश में ले आये जो रिंदो को वो मयकदा न मिला

रूठकर मुझसे वो जो चला गया किसी बात पर
उस शख्स सा जिंदगी में फिर दूसरा न मिला

ज़िद-ओ- जुनूँ में चलता रहा जिंदगी के राहों में
रहगुज़र में चाहे कोई हम-सफ़र मिला न मिला

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