बशर' चाँद को जमीं पर तलाश न कर तू


बशर' चाँद को जमीं
पर तलाश न कर तू

रात- दिन वो फ़क़त
सितारों के साथ रहता है

मैंने ख्वाबों में कई
बार उसे देखा है

गुलों सा दीखता है,
बहारों के साथ रहता है


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