कर चुके शुमार मुझको

कर चुके शुमार मुझको 
दिल के जब बीमारों में 
नाम छप गया गुनाह ए 
इश्क़ के अख़बारों में 
रफ़्ता रफ़्ता बिकने लगा 
जब दर्द ए दिल बाज़ारों में 
हो गए शामिल बशर' 
चुपके से वो खरीदारों में 

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