जो बिछड़ना है तो फिर बात मुझसे

 

जो  बिछड़ना है तो फिर बात 
मुझसे तुम दिल की न करो  
मोहब्बत  मसअला ए  दिल है 
बशर अक्ल से  सुलझाते क्यू  हो  

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