हास्य ब्यंग्य कविता : दिल रिपेयरिंग की दुकान



दुकान के बाहर सुन्दर सा
 एक बैनर लगवाया
उस पर खुदी हुई अक्षरों में
कुछ इस तरह लिखवाया

"टूटे फूटे दिलों की मरम्मत यहाँ होती है
जख्मी दिलों को राहत यहाँ मिलती है
पुराने , बेकार दिल बदले जाते हैं
नए मजबूत दिल लगाए जाते हैं
बिके दिल की कोई वापसी नहीं
दिल फिर से टूटने की कोई गारंटी नहीं “

दुकान की मुहूर्त से पहले ही
ग्राहकों की भीड़ लग गई
दिल ही दिल में ये सोचने लगा
अपनी तो किस्मत जग गई

कुछ दिनों में ही दिल रिपेयरिंग का
कारोबार जोरों से चलने लगा
ये देखकर तो बाकी दुकानदारों
का भी दिल जलने लगा

क्या बूढ़े क्या जवान,सभी खड़े थे
दिल के मरम्मत के कतारों में
कई नौजवान लड़के- लड़कियां भी
थे दिल के खरीदारों में

किसी की दिल थोड़ी तो
किसी की ज्यादा टूटी पड़ी थी
किसी के पास दिल था ही नहीं
किसी के पास था मगर धड़कता न था

मेरा दिल भी अब रहने लगा था
हर पल इसी गुमान में
कि हर टाइप , के दिल मौजूद थे
"दिल रिपेयरिंग के दुकान" में

छोटा दिल, बड़ा दिल ,
मजबूत दिल , खुश मिजाज दिल,
बेदर्द दिल, पत्थर ए दिल, फौलाद दिल,
शीशा ए दिल , सुकून से भरा दिल,

एक दिन सुबह सबेरे लाल रंग की
एक कार दूकान पर आकर हुई खड़ी
एक जवां स्मार्ट सा युवक बाहर आया
मैंने सोचा आज पार्टी मिली है कोई बड़ी

उस नौजवान ने बड़े सहमे लहज़े में मुझसे पूछा
भाई साहब "दिल रिपेयरिंग की दुकान" यही है

हमने एक बार उसे ऊपर से नीचे तक देखा
फिर कुछ सोचते हुए कहा "जी हाँ , यही है"

बड़े दर्द भरे लहजे में उसने धीरे से कहा
कुछ दिनों पहले ही एक
संगमरमरी सी दिल से दिल लगाया था
उसके बेरुखी से मेरे ख़्वाबों
का महल टूट सा गया है

दिल किसी काम में नहीं लगता
जीने का दिल भी नहीं करता
ऐसा लगता हैं मानों खुदा ही मुझसे
किसी बात पर रूठ सा गया है
मेरा दिल अंदर से कुछ टूट सा गया है

हमने उसके दिल निकालकर
देखे तो जाने कितने ही
टुकड़ों में उसका दिल टूटा पड़ा था

हैरान था मैं देखकर जाने
वो शख्स कैसे जिन्दा खड़ा था

हमने भी बड़ी ईमानदारी से कहा
इस दिल में तो रिपेयरिंग की
गुंजाइस नहीं है
नया दिल ही लगेगा

पर ये एकदम गारंटी वाला है
चाहे कितना भी कोई कोशिश कर ले
मजाल नहीं की
ये जरा सा भी टूटेगा

मैंने खुशी दिल से वो दिल
कर दिया उस युवक के हवाले
उसने झट अपने जेब से मुझे
दिल के दोगुना पैसे दे डाले

हमनें नए दिल के वारंटी पेपर
भी उसे दिखलाये
नए दिल के साथ उसे
कुछ जरूरी परहेज भी बताये

ये दिल बिलकुल ही नया है
वैसे तो नहीं टूटने की
पूरी गारंटी हमारी है
पर दिल तो दिल हैं
दिल का कुसूर भी क्या हैं

एक पल में किसी से
ये दिल फिर जुड़ जाये
और अगले पल में
ये दिल भी टूट जाये

बिना सोचे समझे किसी संगदिल से
फिर से दिल न लगा लेना
क्योकि तोड़ने वाले दिल तो
इस दिल को भी तोड़ डालेंगे

उन्हें किसी के दिल टूटने से
कोई फर्क भी नहीं पड़ता
दिलों को तोड़ना शौक़ है उनका
वो इसे भी तोड़ डालेंगे

आजकल दिल रिपेयरिंग की दुकान में
नए दिलों की भारी कमी है
पीछे से अच्छे दिल की सप्लाई बंद है
और दुकान में बस टूटे - फूटे दिल बचे हैं

"दिल रिपेयरिंग का दुकान"
जीवन का एक आइना है
इसके माध्यम से कवि का
बस यही कहना है

यदि आपके साथ
रहने वाला इंसान भी
नरम खूबसूरत अच्छे दिल का है
तो छोटी छोटी बातों से यूँ ही
उसका दिल ना तोड़ दें

और फिर उसे शहर के किसी
" दिल रिपेयरिंग की दुकान" के
भरोसे न छोड़ दें

"दिल रिपेयरिंग की दुकान "
एक छोटी सी कोशिश है जिसमे
कवि ने दिलों की कीमत बताई है

"दिल रिपेयरिंग की दुकान"
कहीं बाहर नहीं है
इसे तो खुदा ने हर इंसान के
दिल में ही बनाई है

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