कितने आशिक़ बेज़ार हुए
कम्बख़्त इस फ़रवरी में
कितने दिल के बीमार हुए
कम्बख़्त इस फ़रवरी में
ये नए ज़माने की गुलशन है
यहाँ तितलियों में भी उलझन है
एक ग़ुल के कई हक़दार हुए
कम्बख़्त इस फ़रवरी में
पैसों की चमक आँखों में दिखी
मोहब्बतों के नए किरदारों में
दिलदार भी कई अग़्यार हुए
कम्बख्त इस फ़रवरी में
मज़धार में उनकी कश्ती डूबी
जो खुद को माहिऱ समझते थे
किस्मत वाले कुछ पार हुए
कम्बख्त इस फ़रवरी में
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