लब्ज़ो में तेरा इश्क़ कुछ छलक ही जाता है


लिखता हूँ तेरे इश्क़ कि रोशनाई से 
लब्ज़ो में तेरा इश्क़ कुछ छलक ही जाता है

कोशिश तो बहुत करता हूँ  
कि ये संभल जाये
अशआरो में तेरा इश्क़ कुछ झलक ही जाता है

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