हाथों की तुम मेरी लकीर न सही

 


हाथों की तुम मेरी लकीर न सही
दिल की मेरी जागीर हो तुम

जिसे रब ने मिलाया है दोबारा मुझसे
वो खोई हुई तक़दीर हो तुम

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