तू क़फ़स-ज़ाद है इस
खूबसूरत पैकर का
"ए जिंदगी"
आखिरी सांस तक तुझे
इसके क़ैद-ए-क़फ़स में
रहना होगा
इस क़फ़स से ही तेरी पहचान है
इस ज़माने में
क़फ़स के हर दर्द ओ ग़म
तुझे हँस कर के
सहना होगा
क़फ़स - पिंजरा
क़फ़स-ज़ाद - वो जो पिंजरे में पैदा हुआ हो
पैकर- देह, शरीर, जिस्म
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Anything to comment regarding the article or suggestion for its improvement , please write to me.