शिकवा ए दिल : मुझसे मगर क्यू बात नहीं करता

 


मोबाइल में मेरा नंबर तो रखता है 
मुझसे मगर क्यू बात नहीं करता 

व्हाट्सप्प -फेसबुक पर ढूंढता रहता है मुझे 
सामने होता हूँ तो क्यू मुलाकात नहीं करता 

गैरों से मेरा हाल पूछता रहता है 
नज़र-ए-करम मुझपर क्यू इनायात नहीं करता 

मुझसे ग़र इतनी शिकायत है तुझे फिर 
शिकायतों का मुझपर क्यू बरसात नहीं करता



इनायात : मेहरबानियाँ

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