ये नए मौसमों की बारिश है

 

दिल की नज़रों पे फ़क़त, 
ऐतबार मत रखना  
कि निगाह-ए-इश्क़ में तो 
यकसर अक़्ल भी मर जाती है 

ये नए मौसमों की बारिश है 
कुछ संग-दिल पत्थरों पर भी 
कमबख़्त जाने कैसे 
अक्सर हसीं शक़्ल सी उभर आती है 




यकसर  : बिलकुल, समग्र, समस्त


 

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