हवा भी जिद में है और चराग़ भी

 


हवा भी जिद में है और चराग़ भी
दोनों ही फ़क़त अपना काम कर रहे है

हैरां है रात दोनों के जज़्बा -ओ -जुनूं पर
दोनों बिना नफ़रत और बे-आराम कर रहे है

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