पैकर तो फ़क़त पैराहन है रूह का

 


पैकर तो फ़क़त पैराहन है 
रूह का
मकां को छोड़कर एक दिन 
मकीं को जाना होगा

रफ़्ता-रफ़्ता वक़्त के हाथों 
फिसल रही है जिंदगी की डोर
मिटटी के खिलौनों को एक दिन 
मिटटी में मिल जाना होगा



पैकर  : देह, शरीर
पैराहन  : वस्त्र
 मकीं  : मकान में रहने वाला, थोड़े दिनों के लिए ठहरा हुआ

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