ग़मों को भी न पराया कर
मिले तो नज़रे मिलाया कर
जिंदगी से वास्ता है उनका
उन्हें बातों में ही उलझाया कर
माना की मंज़िल रूठ गई
सोग में न वक़्त जाया कर
गीत- ग़ज़लों से दिल बहलता है
तन्हाई में गुनगुनाया कर
'आरज़ी है फ़क़त हर शय यहाँ
हासिल नेकी का भी सरमाया कर
तन्हाई में गुनगुनाया कर
'आरज़ी है फ़क़त हर शय यहाँ
हासिल नेकी का भी सरमाया कर
हर ज़ख्म का है मरहम वक़्त के पास
दिल ए नादाँ को ये बात समझाया कर
उदास चेहरा अच्छा नहीं लगता
हरपल गुलों की तरह मुस्कुराया कर
दिल ए नादाँ को ये बात समझाया कर
उदास चेहरा अच्छा नहीं लगता
हरपल गुलों की तरह मुस्कुराया कर
मुश्किलों में बेशक़ वो साथ देता है
ख़ुदा को तू अपना हम-साया कर
मेरे अशआरों को भी अपना समझ
रूठे यारों को यूँ ही सुनाया कर
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