ख्वाबों में भी ग़र लड़ें तुझसे


ख्वाबों में भी ग़र
लड़ें तुझसे

तो तुम बेशक़
मुझसे शिकायत कर देना


विसाल-ए-ख़ुदा के वास्ते
तेरे ही दिल के रास्ते

तुम मुझपे
नज़र- ए- इनायत कर देना

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