यूँ आधी रात को दर-ए-दिल पर

 


यूँ आधी रात को
दर-ए-दिल पर
ये किसकी आहट है

क्या ये तुम हो या फिर
पीपल के ज़र्द पत्तों
की सरसराहट है

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