मेरा होकर भी ये कम्बख़्त



मेरा होकर भी ये कम्बख़्त
अब मेरा नहीं लगता

सच कहुँ तो ये दिल तेरे बिना
अब कहीं नहीं लगता

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Anything to comment regarding the article or suggestion for its improvement , please write to me.