नज़रे मिली जो आपसे


नज़रे मिली जो आपसे
तो हमने शऱाब छोड़ दी

ज़ाम ए इश्क़ के जुनूं में
हमने शय ख़राब छोड़ दी

एक ही तो ऐब थी उसकी
ख़्याल ओ ख़्वाब छोड़ दी

इश्क़ मेरा इश्क़ न सही
नज़रों में आपके फ़क़त
इज़्तिराब ओ वहशत ही सही

पैमाना ए इश्क़ टुटा जब
हमने दिल ए बेताब तोड़ दी

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