सियाह अंधेरो से आशनाई है अपनी

सियाह अंधेरो से 
आशनाई है अपनी 
जुगनू हूँ सितारों की 
सोहबतों से डरता हूँ 

रौशन हूँ उस नूर से 
जो मेरे दिल में जलता है 
उजालों के बस्ती में 
शोहरतों से डरता हूँ 

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