कैसे समझूँ की मुझे प्यार कर रहे हो तुम

कैसे समझूँ की मुझे 
प्यार कर रहे हो तुम 
वफ़ा के बदले दिल 
फ़िगार कर रहे हो तुम 

दिलासा देते हो चारा - गर 
ज़ख्म भरने का मगर 
शिफ़ा के नाम पर 
बीमार कर रहे हो तुम 

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