एक अहल ए दिल है ऐसी

एक अहल ए दिल है ऐसी  
जो दर्द - आश्ना लगे 
खुश्बू लिए गुलों की जो 
महकी - महकी सबा लगे 

 इस क़दर  रानाई की 
 हुस्न  भी  बला  लगे 
सादगी में  वो  मगर  
दिल को मेरे ख़ुदा लगे 

इबादत ए ख़ुदा में वो 
ख़ुद  कोई  दुआ लगे  
नाराज़गी में भी बशर 
उसकी अलग अदा लगे  

दिखती है हुस्न ए ताम सी 
लिबास में हया लगे 
नज़र  को  पारसा  लगे 
जिगर को वो  वफ़ा  लगे  

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