हम नए साल में जिंदगी को कुछ बेहतर देखे
















लहरों में डूबती कश्तियों का समंदर देखे
अखबारों में अश्को से छपे कई अक्षर देखे

गुज़श्ता साल से दर्द इसमें कहीं ज्यादा था
कैलेंडर के तारीखों में डूबते कई मंज़र देखे

नई उम्मीद की किरणें  लेकर आई है
हम नए साल में जिंदगी को कुछ बेहतर देखे

गुज़श्ता  - गुजरा हुआ , पिछला

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Anything to comment regarding the article or suggestion for its improvement , please write to me.