हिंदी तुम सचमुच महान हो

 



माँ भारती की बोली हो तुम
इस देश की तुम जुबान हो
दिलों को एक सूत्र में बांध दिया
हिंदी तुम सचमुच महान हो

संस्कृत की बंशज हो तुम
देवनागरी में लिखी जाती हो
कोई शब्द तुझसे ग़र जुड़ जाये
तुम सहज़ उसे अपनाती हो 

माँ भारती की आभूषण हो 
माँ भारती की गुणगान हो

चन्द्रमा समान  शीतल हो तुम
और सूर्य सा तुझमे गर्मी भी हैं
ललकार हैं तुझमे वीरो की
मखमल सी तुझमे नरमी भी हैं

इस देश का तुम गौरव हो
इस देश का तुम शान हो

देशप्रेम की धारा बनी तुम
ललकार बनी हुंकार बनी
ब्रिटिश हुकूमत के बिरोध में
क्रांतिकारियों के हथियार बनी
 
गुलामी की अंधेरो पर तुमने
अपने शब्दों का प्रहार किया
माँ भारती ने तुझको फिर
राजभाषा का अधिकार दिया

तुम राष्ट्रधर्म हो राष्ट्रगीत हो
इस राष्ट्र का अभिमान हो

सब भाषा कहते हैं तुझको
पर तुम मेरी माँ की बोली हो
उसके प्यार और ममता को
तुम मेरे जीवन में घोली हो

राष्ट्रीयता की तुम ताकत हो
भारतीयता की तुम प्राण हो

तुम सरिता बनकर बहती हो
तुम उर्दू के संग रहती हो
तुम जुदा नहीं रह सकते हो
दोनों मिलकर ये कहती हो

दोनों माँ भारती की बेटी हो
दोनों माँ भारती की संतान हो

दिलों को एक सूत्र में बांध दिया
हिंदी तुम सचमुच महान हो



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