ईद पहले भी आता था
पर कोई खास न था
चाँद पहले भी निकलता था
पर ये एहसास न था
चाँद पहले भी निकलता था
पर ये एहसास न था
कुछ ही पल में क्यूं दिल को
सब अच्छे लगने लगे
फूल नदियां झील पक्षी
ख़्वाबों में कहीं सोये थे सब
एक तेरी आहट हुई
और सब के सब जगने लगे
सब अच्छे लगने लगे
फूल नदियां झील पक्षी
ख़्वाबों में कहीं सोये थे सब
एक तेरी आहट हुई
और सब के सब जगने लगे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Anything to comment regarding the article or suggestion for its improvement , please write to me.